जीवन में अचानक घटित होने वाली परेशानियों से निजात मिलती है। राहु शांति पूजा करने से रोगों से मुक्ति मिलती है और स्वास्थ्य उत्तम बना रहता है। घर परिवारत में सुख-शांति बनी रहती है और कामकाज में भी अच्छा धन-लाभ होता है। मानसिक शांति मिलती है, शत्रुओ से बचाव होता है, भय दूर हो जाता है।राहु को छाया ग्रह का दर्जा दिया गया है। इनका कोई भौतिक आकार नहीं होता लेकिन ज्योतिष शास्त्र में इनको बहुत महत्व दिया गया है।
राहु पाप और पुण्य के मध्य की एक लकीर है। अक्सर यह कुंडली में राहु की स्थित देखने से तय होता है की राहु आपके लिए पुण्य दायक है या पाप दायक है।
कुछ लोग सोचते हैं कि राहु पुण्य दायक कैसे हो गया। दोस्तों समुद्र मंथन से जब अमृत निकला था तो उसकी कुछ बूंदे राहु ने भी पी ली थी जिस कारण से राहु के अंदर भी कुछ पुण्य आ गया क्योंकि वह राक्षस गण का है वह पाप दायक तो होता ही है।
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