वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को वैवाहिक सुख, भोग और विलासिता आदि का कारक माना गया है। ज्योतिष में शुक्र एक शुभ ग्रह माना गया है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है, तो उसे सभी तरह की सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं।वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को एक शुभ ग्रह माना गया है। इसके प्रभाव से व्यक्ति को भौतिक, शारीरिक और वैवाहिक सुखों की प्राप्ति होती है। इसलिए ज्योतिष में शुक्र ग्रह को भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, भोग-विलास, शौहरत, कला, प्रतिभा, सौन्दर्य, रोमांस, काम-वासना और फैशन-डिजाइनिंग आदि का कारक माना जाता है।
शुक्र वृषभ और तुला राशि का स्वामी होता है और मीन इसकी उच्च राशि है, जबकि कन्या इसकी नीच राशि कहलाती है। शुक्र को 27 नक्षत्रों में से भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है।
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